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जन्म देने वाले हमारे पिता

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पिता खुदा की नेमत है, पिता समझ का दरिया।   पिता से है छांव सिर पर,  वह राहत का जरिया।। ये पंक्तियां भी पिता के महान व्यक्तित्व के महत्व का रेखांकित करने में असमर्थ हैं, क्योंकि पिता का अस्ति‍त्व मात्र ही संतान के लिए ब्रह्मांड से भी व्यापक है और सागर से भी गहरा। उनके अनकहे शब्द भी खुद में कई शब्दों को समेटे हैं और उनकी हर एक बात में अनेक सबक हैं। उनकी परछाई में सुरक्षा की राहत है तो उनके कदमों में जन्नत के निशां...।  बच्चे का अपने माता-पिता से सबसे गहरा नाता होता है। मां से भावनाओं का जुड़ाव, तो पिता से समझ का। मां की ममता और करुणाशीलता तो जगजाहिर है, लेकिन कई बार पिता की अनकहे शब्द और जता न पाने की आदत उनके भावों को ठीक तरह से अभिव्यक्त नहीं कर पाती और हम पिता को जरूरत से ज्यादा सख्त और भावनाविहीन मान बैठते हैं। लेकिन सच तो ये है कि एक मां बच्चे को जितना प्रेम करती है, उतनी ही चिंता पिता को भी होती है। बस फर्क इतना होता है कि मां के प्रेम का पलड़ा भारी होता है और पिता के सुरक्षात्मक रवैये का, जो कई बार बच्चों को कठोर लगने लगता है। मां हमेशा ...